🌹*कुछ भी नया करने में कभी संकोच मत करना,**यह भी मत सोचना कि तुम्हारी हार होगी,**हार तो कभी होती ही नही है,**क्योंकि या तो जीत मिलती है,**या फिर सीख मिलती है।**पूरी दुनिया जीत सकते हैं संस्कार से**और जीता हुआ भी हार जाते हैं अहंकार से**मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर[…]
_*आत्मा के आनंद रूपी सामंजस्य का बाहरी रूप दया है।…* *कितने देव, कितने धर्म, कितने पंथ चल पड़े पर इस शोकग्रस्त संसार में …**इस संसार में केवल दयावानों कि आवश्यकता है।* *जिसमे दया नहीं उसमे कोई सद्गुण नहीं।**जो असहायों पर दया नहीं करता,..**उसे शक्तिशालियों के अत्याचार सहने पड़ते हैं।**जो सचमुच[…]
**हमें अपनी असफलताओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए |* *सफलता के बारे में दूसरे बात करें तो ज्यादा अच्छा होता है|**लोग आपसे आपकी असफलता के बारें में नहीं पूछते, यह सवाल तो आपको अपने आप से पूछना होता है|**सिर्फ सपनों से कुछ नहीं होता, सफलता प्रयासों से हासिल होती है[…]
**अपनी असफलताओं को खुद पर हावी मत होने दो,….**बल्कि असफलताओं को ही अपनी सफलता की सीढी के रूप में इस्तेमाल करो |**समस्त सफलताएं “कर्म” की नींव पर आधारित होती है !”**जिन्हे सपने देखना अच्छा लगता है, उन्हें रात छोटी लगती है। …**जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता है उन्हें दिन[…]
🌹मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी क़दर नहीं करता, वह हमेश उस चीज़ की आस लगाये रहता है जो उसके पास नहीं है।महान वह है जो दृढतम निश्चय के साथ सत्य का अनुसरण करता है |मुस्कराओ, क्योकि हर किसी में आत्म्विश्वास की कमी होती है…और किसी दूसरी चीज़ की अपेक्षा मुस्कान[…]