🌹“पैसा” मानव इतिहास कीसबसे खराब खोज है !!लेकिन…_मनुष्य के ‘चरित्र” को*परखने की सबसे*विश्वसनीय सामग्री है !!!*मनुष्य का अमूल्य धनउसका व्यवहार है,इस धन से बड़करसंसार में कोई और धन नहीं।पैसा आता है चला जाता है,पैसा आपके हाँथ में नहीं हैपर व्यवहार आपके हांथों में हैंव्यवहारकुशल बने रहिये,सदैव प्रसन्न रहें।आपका हर पल[…]
🌹जो समझता भी है और समझाता भी हैउससे बड़ा हितेषी कोई नहींरिश्ते मैं निखार हाथ मिलाने सेकभी नहीं आता , हाथों को थामने से आता हैयह सदैव याद रखिए रोशनी दिखाने के लिएदीपक आप जलाएंगे तोप्रकाश भी पहले आपके सामने होगासुख और दुख के प्रत्येक क्षण को याद रखना चाहिएदुख[…]
🌹प्रसन्नता वो औषधि हैं जो दुनियां के किसी भी बाजार में नहीं,..सिर्फ अपने अंदर ही मिलती हैं….प्रतिभा ईश्वर से मिलती है नतमस्तक रहें..!ख्याति समाज से मिलती है आभारी रहें..!लेकिन मनोवृत्ति और घमंड स्वयं से मिलते हैं, सावधान रहें..जो सम्मान से कभी गर्वित नहीं होते, अपमान से क्रोधित नही होतेऔर क्रोधित[…]
🌹अगर आप गुस्सैल और अहंकारी है।तो आपको दुश्मनों की कोई जरुरत नहीं,आपको बर्बाद करने के लिए यह दो दुर्गुण ही काफी है। !कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है,हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं।*वो छोटी छोटी उड़ानों पे गुरुर नहीं करता जो परिंदा अपने लिये आसमान ढूँढ़ता[…]
🌹ऊँचा उठना है, तो अपने अंदर के अहंकार को निकालकर,स्वयं को हल्का कीजिये…क्योंकि ऊँचा वही उठता है।जो हल्का होता है।जो झुकना जानता है,दुनिया उसे उठाती है,जो केवल अकड़ना जानता है,दुनिया उसे उखाड़ फेंकती है।अहंकार में तीनों गए ~ धन, वैभव और वंश ! *ना मानो तो देख लो ~ रावण,[…]