🌹वक़्त दोस्त और रिश्तेये वो चीजें हैंजो हमें मुफ्त में मिलती हैंमगर इनकी कीमत का पता तब चलता हैजब ये कहीं खो जाती हैं ।रिश्ते इसलिए भी नहीं सुलझ पातेक्योंकि लोग दूसरों की बातों में आकर अपनों से उलझ जाते हैं ।समय और शब्ददोनों का उपयोग लापरवाही से न करेंये[…]
🌹“शब्द” मुफ्त में मिलते हैं।लेकिनउनके चयन पर “निर्भर” करता है, कि उनकी“कीमत” “मिलेगी” या “चुकानी” पड़ेगी …..llसफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती है।अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते है।ढूंढना ही है तो परवाह करनेवालों को ढूंढ़िये …इस्तेमाल करने वाले तो ख़ुद हीआपको ढूंढ लेंगे….🙏🏻🌅 शुभ प्रभात 🌅🙏🏻📖 ✍️पंचांग[…]
श्री नवग्रह चालीसा ॥दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल , प्रेम सहित सिरनाय । नवग्रह चालीसाा कहत , शारद होत सहाय ॥ जय जय रवि शशि सोम बुध , जय गुरु भृगु शनि राज । जयति राहु अरु केतु ग्रह , करहु अनुग्रह आज ॥ ॥चौपाई ॥ श्री सूर्य स्तुति[…]
श्री बटुक भैरव चालीसा ॥दोहा ॥ विश्वनाथ को सुमिर मन , धर गणेश का ध्यान । भैरव चालीसा रचूं , कृपा करहु भगवान ॥ बटुकनाथ भैरव भजं , श्री काली के लाल ।। छीतरमल पर कर कृपा , काशी के कुतवाल ॥ ॥चौपाई ॥ जय जय श्रीकाली के लाला ,[…]