कृष्ण चालीसा श्री ॥दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर , नील जलद तन श्याम । अरुण अधर जनु बिम्ब फल , नयन कमल अभिराम । पूर्ण इन्द्र अरविन्द मुख , पीताम्बर शुभ साज । जय मनमोहन मदन छवि , कृष्ण चन्द्र महाराज । ॥चौपाई ॥ जय यदुनन्दन जय जगवन्दन ,[…]
श्री राम चालीसा श्री रघुवीर भक्त हितकारी , सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी । निशि दिन ध्यान धेरै जो कोई , ता सम भक्त और नहिं होई । ध्यान धरे शिवजी मन माहीं , ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं । जय जय जय रघुनाथ कृपाला , सदा करो सन्तन प्रतिपाला[…]
आरती वजरंग बली जी को आरती बजरंग बली ( हनुमान ) जी की आरती कीजै हनुमान लला की , दुष्ट दलन रघुनाथ कला की । जाके बल से गिरवर कांपे , रोग दोष जाके निकट न झांके । अंजनी पुत्र महा बलदाई , सन्तन के प्रभु सदा सहाई । दे[…]
बजरंग बाण ॥दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते , विनय करें सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ , सिद्ध करें हनुमान । जय हनुमान सन्त हितकारी , सुन लीजै प्रभु अरज हमारी । जन के काज विलम्ब न कीजे , आतुर दौरि महासुख दीजे । बजरंग बाण २ ९[…]
श्री गणेश चालीसा ॥दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन , करि वर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण , जय जय गिरिजालाल ॥ ॥चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू , मंगल भरण करण शुभ काजू । जय गजबदन सदन सुखदाता , विश्वविनायक बुद्धि विधाता । वक्र तुण्ड शुचि[…]
श्री दुर्गा चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥1॥तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम[…]
जब मनुष्य चौतरफा संकटों से घिर जाता है, उनसे निकलने का रास्ता तलाशने में वह विफल हो जाता है तब हनुमान जी की उपासना से बहुत लाभ मिलता है। विशेष रूप से उस समय संकट मोचक हनुमान अष्टक का पाठ बहुत उपयोगी व सहायक सिद्ध होता है। अंजनी गर्भ संभूतो,[…]