श्री शनि चालीसा
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श्री शनि चालीसा ॥दोहा ॥ श्री शनिश्चर देवजी , सुनहु श्रवण मम् टेर । कोटि विघ्ननाशक प्रभो , करो न मम् हित बेर ।। ॥सोरठा ॥ तव स्तुति हे नाथ , जोरि जुगल कर करत हौं । करिये मोहि सनाथ , विजहरन हे रवि सुवन ।। ॥चौपाई ॥ शनिदेव मैं[…]
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